रांची: झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से आग्रह किया है कि राज्य में प्राइवेट स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी पर रोक लगाई जाए। एसोसिएशन ने मांग की है कि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 को पूरी तरह लागू किया जाए, ताकि अभिभावकों का आर्थिक शोषण रोका जा सके।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि सरकार को अपने वादों पर अमल करना चाहिए। उन्होंने शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के उस बयान की याद दिलाई जिसमें उन्होंने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की बात कही थी। अजय राय ने कहा कि यदि सरकार ठोस कदम नहीं उठाती, तो अभिभावकों का सरकार से भरोसा उठ जाएगा।
री-एडमिशन और एनुअल चार्ज बना समस्या
अजय राय ने बताया कि वर्तमान में री-एडमिशन फीस, एनुअल चार्ज और किताब-कॉपी के बढ़ते दामों ने अभिभावकों की कमर तोड़ दी है। हर साल नई किताबों की अनिवार्यता और विभिन्न चार्जेस को लेकर माता-पिता परेशान हैं। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि इन अनावश्यक शुल्कों पर तुरंत नियंत्रण लगाया जाए।
2017 का कानून कागजों तक सीमित
अजय राय ने कहा कि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 का कानून 7 जनवरी 2019 को लागू हुआ था, लेकिन अब तक इसका सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रशासन अपनी मनमानी कर रहा है और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
अभिभावकों के प्रदर्शन की चेतावनीअजय राय ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लेती है, तो अभिभावकों को मजबूरन सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करना पड़ेगा।
(Sarhul News के लिए संजय ओझा की रिपोर्ट)