रांची में कोयला कामगारों से 20 मई की देशव्यापी हड़ताल को ऐतिहासिक बनाने का आह्वान
रांची, 05 मई 2025 | संजय ओझा, सरहुल न्यूज़
हिंद मजदूर सभा और हिंद खदान मजदूर फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री कॉमरेड हरभजन सिंह सिद्धू ने केंद्र सरकार पर मजदूरों के हकों को कुचलने का गंभीर आरोप लगाते हुए देश में “अघोषित आपातकाल” होने का सनसनीखेज दावा किया। सोमवार को रांची के सीएमपीडीआई कन्वेंशन सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय कोयला कन्वेंशन में उन्होंने कोयला कामगारों से 20 मई 2025 को 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (बीएमएस को छोड़कर) द्वारा बुलाई गई देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने की जोरदार अपील की।
“पूंजीपतियों की सरकार, मजदूरों का शोषण”
सिद्धू ने अपने तीखे भाषण में सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “यह सरकार पूंजीपतियों की कठपुतली है। देश का सारा धन मुट्ठीभर उद्योगपतियों की जेब में जा रहा है। चार नए लेबर कोड मजदूरों के खून-पसीने से कमाए हकों को छीन रहे हैं।” सिद्धू ने बताया कि ये कोड ट्रेड यूनियन बनाने, हड़ताल करने और 8 घंटे के कार्यदिवस जैसे बुनियादी अधिकारों को खत्म कर रहे हैं। “12 घंटे का वर्किंग डे थोपा जा रहा है, ये मजदूरों का खुला अपमान है!” उन्होंने गुस्से में कहा।
रांची में मजदूरों का हुजूम
कन्वेंशन में कोयला क्षेत्र के चार केंद्रीय श्रमिक संगठनों के नेता और सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। सिद्धार्थ गौतम (एचएमएस), एस क्यू जामा (इंटक), हरिद्वार सिंह (एटक) और सीटू के प्रतिनिधि ने अध्यक्षीय मंडल की कमान संभाली। समापन भाषण में एटक के वरिष्ठ नेता रमेंद्र कुमार ने मजदूर एकता पर बल दिया। कन्वेंशन में कुमार जयमंगल सिंह, डी डी रामानंदन, राजेश कुमार, राघवन रघुनंदन, रणविजय सिंह और एक झा ने भी जोशीले भाषण दिए।
सिद्धू का भव्य स्वागत

कन्वेंशन से पहले जनता मजदूर संघ ने कॉमरेड सिद्धार्थ गौतम की अगुवाई में हरभजन सिंह सिद्धू का शानदार अभिनंदन किया। सैकड़ों कार्यकर्ताओं की भीड़ ने तालियों और नारों से उनका स्वागत किया। सिद्धू को झारखंड की पारंपरिक कलाकृति का स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। इसके बाद सिद्धार्थ गौतम के नेतृत्व में एक विशाल जुलूस सिद्धू को कन्वेंशन स्थल तक लेकर गया। सीसीएल अध्यक्ष कमलेश सिंह, सचिव टीनू सिंह और विभिन्न क्षेत्रों से आए कार्यकर्ता इस मौके पर मौजूद थे।
20 मई की हड़ताल: मजदूरों की ताकत का इम्तिहान
सिद्धू ने जोर देकर कहा, “20 मई की हड़ताल मजदूरों की एकता और ताकत का प्रतीक होगी। हम अपने हकों के लिए आखिरी सांस तक लड़ेंगे।” झारखंड, जो कोयला उद्योग का गढ़ है, इस हड़ताल में अहम भूमिका निभाएगा। कन्वेंशन में हड़ताल की तैयारियों को लेकर रणनीति बनाई गई।
क्या कहते हैं जानकार?
यह कन्वेंशन मजदूर आंदोलन की नई शुरुआत हो सकता है। झारखंड के कोयला कामगारों का यह आह्वान न सिर्फ स्थानीय, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।