रांची: झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए “अबुआ बजट” पेश किया, जिसमें राज्य के आर्थिक विकास को गति देने, रोजगार सृजन करने और विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं को सशक्त बनाने पर जोर दिया गया है। इस बजट में MSME सेक्टर, राजस्व संग्रह, कृषि, ग्रामीण रोजगार और महिलाओं के सशक्तिकरण को विशेष प्राथमिकता दी गई है।
MSME सेक्टर को मिलेगा नया आयाम
राज्य सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSME) को बढ़ावा देने के लिए MSME निदेशालय का गठन करने जा रही है। इससे स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा और झारखंड में स्वरोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
राजस्व संग्रह में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
बजट के अनुसार, झारखंड में राजस्व संग्रह में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। यह बढ़ोतरी राज्य की आर्थिक मजबूती को दर्शाती है और भविष्य में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और कल्याणकारी परियोजनाओं के लिए फंडिंग सुनिश्चित करेगी।
किसानों के लिए भंडारण और संरक्षण होगा आसान
राज्य सरकार ने ₹259 करोड़ की लागत से 118 नए गोदामों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इससे किसानों को अपनी उपज के सुरक्षित भंडारण और संरक्षण की सुविधा मिलेगी, जिससे फसल की बर्बादी रुकेगी और किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया संबल
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने के लिए सरकार ने 12 करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य रखा है। इससे लाखों ग्रामीणों को काम मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
राज्य की अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई रफ्तार
बजट अनुमानों के अनुसार, झारखंड की आर्थिक विकास दर 7.5% तक पहुंचने की उम्मीद है। यह राज्य के औद्योगिक विकास और निवेश बढ़ाने के लिए सकारात्मक संकेत है।
महिलाओं के सशक्तिकरण की ओर बड़ा कदम
झारखंड सरकार ने “मुख्यमंत्री मंइया सम्मान योजना” के लिए ₹13,363.35 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। इस योजना के तहत महिलाओं को वित्तीय सहायता और सशक्तिकरण के विभिन्न अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।निष्कर्ष:”अबुआ बजट” 2025-26 झारखंड के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह बजट न केवल औद्योगिक और कृषि विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि रोजगार सृजन और महिलाओं के सशक्तिकरण को भी प्राथमिकता देगा। अब देखना यह होगा कि सरकार अपने इन वादों को जमीनी स्तर पर कितनी प्रभावी ढंग से लागू कर पाती है।