रिपोर्ट: आशीष कुमार मुखर्जी

कुज्जू (रामगढ़): रामगढ़ जिले के कुज्जू स्थित पंकरिया टोला में संविधान निर्माता, भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती बड़े ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में क्षेत्र के गणमान्य अतिथियों ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुज्जू कोलियरी के महाप्रबंधक राजीव कुमार, मांडू इंस्पेक्टर सुरेश कुमार लिंडा, कुज्जू ओपी प्रभारी नौशाद आलम, कांग्रेस प्रदेश सचिव धर्मराज राम, कुज्जू पश्चिमी पंचायत मुखिया जयकुमार ओझा, दक्षिणी पंचायत मुखिया राकेश कुमार रॉक तथा पूर्वी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अशोक कुमार ने बाबा साहेब की तस्वीर पर माल्यार्पण किया और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

कार्यक्रम में अतिथियों ने बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों और संघर्षों को याद किया।

धर्मराज राम ने शिक्षा को अंबेडकर की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा – “कम खाओ, ग़म खाओ, लेकिन बच्चों को ज़रूर पढ़ाओ।”

सीओ विमल कुमार ने कहा कि अंबेडकर जी की बुद्धिमत्ता के कारण उन्हें संविधान बनाने की जिम्मेदारी मिली, और आज भारत उसी संविधान से चलता है।

राजीव कुमार ने उन्हें सभी वर्गों को समान अधिकार देने वाला संतुलित संविधान निर्माता बताया।

इंस्पेक्टर सुरेश लिंडा ने कहा कि अंबेडकर जी ने अपार संघर्षों का सामना करते हुए इतिहास रचा और आज दुनिया में सबसे अधिक उनकी प्रतिमाएं स्थापित हैं।

प्रभारी नौशाद आलम ने अंबेडकर जी के सिद्धांतों पर चलने की आवश्यकता बताई।

धर्मराज राम ने शिक्षा को अंबेडकर की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा – “कम खाओ, ग़म खाओ, लेकिन बच्चों को ज़रूर पढ़ाओ।”

मुखिया जयकुमार ओझा ने उनके विचारों को घर-घर पहुंचाने पर ज़ोर दिया।

राकेश रॉक ने कहा कि बाबा साहेब की विचारधारा आज भी सभी समाजों के लिए प्रासंगिक है।

मुखिया प्रतिनिधि अशोक कुमार ने कहा कि उनकी शिक्षा और बुद्धि उन्हें आज विश्वव्यापी सम्मान दिला रही है।

कार्यक्रम में विशेष रूप से एसबीआई सिमडेगा शाखा प्रबंधक दिनेश चंद्र भारती और पूर्व तोपा पंचायत मुखिया महादेव रविदास ने भी संबोधन दिया।

इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में वार्ड सदस्यों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, और स्थानीय नागरिकों की बड़ी भागीदारी रही। उपस्थित प्रमुखों में मैघलाल राम, नरेश करमाली, सुरेश राम, संतोष भुइया, महेंद्र भुईया, अजीत कुमार, रीता देवी, उषा देवी, रेखा देवी, मालती देवी, रिंकी देवी, बुधनी देवी सहित सैकड़ों ग्रामीण शामिल थे।

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