NIOS द्वारा आयोजित परीक्षा में 2,000 से अधिक केंद्रों पर हुई कड़ी निगरानी
रांची: रांची जिले में अशिक्षा को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक आकलन परीक्षा (FLNAT) का आयोजन किया गया। जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री के निर्देशानुसार यह परीक्षा जिले के सभी सरकारी विद्यालयों और चेतना केंद्रों पर संपन्न हुई, जिसमें लगभग 20,000 परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया।

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षण संस्थान (NIOS) द्वारा संचालित इस परीक्षा का मुख्य उद्देश्य 15 वर्ष से अधिक आयु के असाक्षर व्यक्तियों को शिक्षा से जोड़ना है। इस कार्यक्रम के तहत उन लोगों को साक्षर बनाया जाता है जो कभी स्कूल नहीं गए या जिनके पास कोई औपचारिक शिक्षा का प्रमाण पत्र नहीं है।
परीक्षा पैटर्न और उत्तीर्ण होने के नियम
FLNAT परीक्षा में परीक्षार्थियों की पढ़ने, लिखने और संख्यात्मकता की क्षमता का आकलन किया जाता है। कम से कम 33% अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को NIOS द्वारा साक्षरता प्रमाण पत्र दिया जाता है, जो उन्हें आगे की शिक्षा के लिए पात्र बनाता है।
कड़ी निगरानी में हुई परीक्षा, प्रशासन रहा सक्रिय
इस परीक्षा को पूरी पारदर्शिता और सुचारू व्यवस्था के तहत संपन्न कराया गया। उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री के निर्देशानुसार, जिला शिक्षा अधीक्षक सह सदस्य सचिव, जिला नव भारत साक्षरता समिति, बादल राज समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया।
इसके अलावा, क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल, श्रीमती नीलम आयलिन टोप्पो ने भी कई केंद्रों का दौरा कर परीक्षा प्रक्रिया का मूल्यांकन किया। परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, बीआरपी, सीआरपी एवं शिक्षकों की टीमों ने भी लगातार निगरानी रखी।
“जन-जन साक्षर” का नारा, राष्ट्रीय आंदोलन का रूप ले रहा कार्यक्रम
नव भारत साक्षरता कार्यक्रम को “जन-जन साक्षर” के नारे के साथ राष्ट्रीय आंदोलन का रूप देने की योजना बनाई गई है। इस मिशन को प्रभावी बनाने के लिए राज्य, जिला, प्रखंड, संकुल और विद्यालय स्तर पर समितियों का गठन किया गया है, जो पूरी तरह सक्रिय हैं।
शिक्षा की नई रोशनी, एक उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ता रांची
रांची जिले में इस परीक्षा का सफल आयोजन साक्षरता अभियान को एक नई दिशा और गति देने वाला साबित हो सकता है। इससे उन लोगों को एक नया अवसर मिलेगा, जिन्होंने अब तक शिक्षा से दूरी बनाए रखी थी।
(रिपोर्ट: Sarhul News Desk)