रांची। झारखंड राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ के संयोजक जय प्रकाश पांडेय के पत्र के आधार पर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा झारखंड राज्य के महिला और बाल विकास मंत्रालय और सभी जिलों को आदेश जारी किया गया है, जिससे प्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत सेविकाओं और सहायिकाओं के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है।

आदेश के बाद, राज्य के सभी जिलों के डीसी (जिला कलेक्टर) को निर्देश दिए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप आंगनवाड़ी सेविकाओं/सहायिकाओं के लंबित वेतन का भुगतान शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा, पोषाहार राशि, मकान भाड़ा, गैस, भवन निर्माण और अन्य भुगतानों की प्रक्रिया भी सक्रिय रूप से शुरू कर दी गई है।

जय प्रकाश पांडेय ने यह भी बताया कि राज्य और जिलों के अधिकारियों ने लगभग 10 महीनों तक इन कर्मचारियों के वेतन और सुविधाओं को रोककर सूद कमाया था, जिससे आंगनवाड़ी कर्मचारियों में असंतोष और संघर्ष का माहौल बन गया था। लेकिन अब प्रधानमंत्री के आदेश से स्थिति में सुधार हुआ है।

घटिया मोबाइल के आवंटन को लेकर भी जांच शुरू कर दी गई है। पांडेय ने बताया कि जल्द ही आंगनवाड़ी सेविकाओं को उच्च गुणवत्ता वाले 5G मोबाइल दिए जाएंगे, ताकि वे बेहतर कार्य कर सकें।

उन्होंने आंगनवाड़ी सेविकाओं से अपील की कि वे संगठन को और बल प्रदान करें, ताकि उनका वर्षों से चल रहा शोषण समाप्त हो सके। पांडेय ने कहा, “यदि सभी का सहयोग मिला, तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार आंगनवाड़ी सेविकाओं को राज्य कर्मी का दर्जा प्राप्त हो सकता है।”

इस संघर्ष में केंद्रीय महामंत्री अशोक नयन, प्रदेश अध्यक्ष देवती देवी और प्रयाग जी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सभी पदाधिकारी और आंगनवाड़ी सेविकाओं का एकजुट संघर्ष इस बदलाव की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकता है।

संवाददाता: गुड्डू पांडे
रांची, झारखंड

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