रामगढ़ में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए अग्रगति के साथ कर रहे ज़मीनी काम
संवाददाता, गुड्डू पांडे, रामगढ़
मुख्य बिंदु:
सुप्रीम कोर्ट में 60 से अधिक जनहित याचिकाओं से मिले कई ऐतिहासिक फैसले
डोमिनिकन रिपब्लिक में वर्ल्ड लॉ कांग्रेस के दौरान सम्मानित
रामगढ़ में अग्रगति संस्था के साथ मिलकर बाल विवाह और ट्रैफिकिंग के खिलाफ अभियान
जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (JRC) देश के 416 जिलों में कानूनी नेटवर्क
रामगढ़:
जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (JRC) के संस्थापक और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता भुवन ऋभु को वर्ल्ड ज्यूरिस्ट एसोसिएशन (WJA) ने ‘मेडल ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया है। वे यह प्रतिष्ठित सम्मान पाने वाले पहले भारतीय अधिवक्ता बने हैं। यह सम्मान उन्हें डोमिनिकन रिपब्लिक में आयोजित वर्ल्ड लॉ कांग्रेस के दौरान प्रदान किया गया।
भुवन ऋभु झारखंड, खासकर रामगढ़ जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए अग्रगति संस्था के साथ मिलकर वर्षों से काम कर रहे हैं। जेआरसी के मार्गदर्शन में अग्रगति 2030 तक रामगढ़ को बाल विवाह मुक्त जिला बनाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है।
सम्मान से पहले का संघर्ष:
भुवन ऋभु ने अब तक 60 से ज्यादा जनहित याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में दायर की हैं। इनमें से कई फैसलों ने देश में बच्चों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा की दिशा को बदल दिया। उनके प्रयासों से ट्रैफिकिंग की कानूनी परिभाषा तय हुई और गुमशुदा बच्चों के मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णय दिए।
जमीन से जुड़ा आंदोलन:
JRC दुनिया का सबसे बड़ा बाल अधिकार कानूनी नेटवर्क है, जिसके सहयोगी संगठन देश के 416 जिलों में कार्यरत हैं। रामगढ़ में यह काम अग्रगति संस्था के माध्यम से हो रहा है, जो बच्चों की ट्रैफिकिंग, बाल विवाह और शोषण के खिलाफ सतत अभियान चला रही है।
“यह सम्मान हम सबका है”
“यह सिर्फ भुवन जी का व्यक्तिगत सम्मान नहीं है—यह हम उन सभी लोगों के लिए गर्व का पल है जो बच्चों की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं।”
— किरण शंकर दत्त, निदेशक, अग्रगति
वैश्विक मान्यता:
वर्ष 1963 में स्थापित वर्ल्ड ज्यूरिस्ट एसोसिएशन ने अतीत में नेल्सन मंडेला, विंस्टन चर्चिल और रूथ बेडर गिन्सबर्ग जैसी हस्तियों को भी सम्मानित किया है। भुवन ऋभु को यह पुरस्कार उनके दो दशकों से अधिक समय से बच्चों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने वाले प्रयासों के लिए दिया गया।
इस मौके पर JRC के राष्ट्रीय संयोजक रवि कांत ने कहा, “यह पुरस्कार बाल अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी हस्तक्षेपों की ताकत को दर्शाता है। यह देश के हर ज़िले में काम कर रहे हमारे कार्यकर्ताओं की मेहनत का सम्मान है।”
‘पिकेट रणनीति’ बनी सुप्रीम कोर्ट की मार्गदर्शिका
भुवन ऋभु की पुस्तक ‘When Children Have Children’ में प्रस्तुत की गई ‘पिकेट रणनीति’ को सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में बाल विवाह रोकने के लिए एक व्यापक दिशानिर्देश के रूप में स्वीकार किया। रामगढ़ में अग्रगति संस्था इसी रणनीति पर काम कर रही है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आवाज:
डोमिनिकन रिपब्लिक में हुए कार्यक्रम में 70 देशों से आए 1500 विधिवेत्ताओं की उपस्थिति में उन्हें यह सम्मान डोमिनिकन रिपब्लिक के श्रम मंत्री एडी ओलिवारेज ऑर्तेगा और डब्ल्यूजेए अध्यक्ष जेवियर क्रेमाडेस ने प्रदान किया।
जेवियर क्रेमाडेस ने कहा,
“भुवन ऋभु ने लाखों बच्चों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए जिस साहस, रणनीति और कानूनी सोच के साथ काम किया है, वह पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा है।”