मांडू, रामगढ़ | आशीष कुमार मुखर्जी
संथाल समाज दिशोम मांझी परगना की केंद्रीय समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को रामगढ़ जिला अंतर्गत मांडू प्रखंड के हेसागढ़ा कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष फागू बेसरा ने की, जबकि संचालन केंद्रीय कोषाध्यक्ष एतवा बास्के ने किया।
बैठक में 30 मई 2025 को मनाए गए संथाल समाज दिशोम मांझी परगना के 29वें स्थापना दिवस समारोह की विस्तृत समीक्षा की गई। इस समारोह में झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की उपस्थिति रही थी, जहां राज्यभर से 25 हजार से अधिक संथाल समुदाय के लोग पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए थे।
बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय:
16 जून 2025 को झारखंड के सभी प्रखंडों में ग्राम प्रधान मांझी परगना सेमिनार का आयोजन किया जाएगा।
30 जून 2025 को हर गांव में मांझी अखाड़ा में हुल दिवस मनाया जाएगा।
मरांग बुरु और पारंपरिक संथाल धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया।
संथाली भाषा की शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर।
जल, जंगल और जमीन की रक्षा के साथ पेसा कानून के प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल।
जाहेर थान की घेराबंदी, मांझी थान का पुनर्निर्माण और हर गांव में मांझी हाउस का निर्माण।
ग्राम सभा की खाता-बही को डिजिटल या संरचित रूप में सुदृढ़ बनाने का प्रस्ताव
इस अवसर पर सोनाराम मांझी, कान्दो मरांडी, रतिलाल मरांडी, रामकिशोर मुर्मू, लखी मांझी, कैलाश टूडू, सहदेव किस्कू, रामचंद्र टूडू, पन्ना लाल, प्रदीप सोरेन, अजय बेसरा, मोहन सोरेन, राजेश हांसदा, सुरेश मुर्मू, सोनू मदन सोरेन, महालाल हांसदा, धनीराम मांझी, चेतलाल सोरेन सहित बड़ी संख्या में संथाल समाज के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।
समाज के लिए अहम संदेश
केंद्रीय अध्यक्ष फागू बेसरा ने कहा कि “संथाल समाज अपनी परंपरा, संस्कृति और अधिकारों को लेकर सजग है और यह बैठक उसी दिशा में एक कदम है। हम शिक्षा, संस्कृति और अधिकारों के लिए लगातार संगठित प्रयास करते रहेंगे।”