संजय ओझा | सरहुल न्यूज़

रांची: सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 87.5 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर एक ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है। यह कंपनी के स्थापना के बाद का अब तक का सबसे उच्चतम वार्षिक उत्पादन है। साथ ही, सीसीएल ने 85.9 मिलियन टन कोयले का डिस्पैच कर एक और मील का पत्थर हासिल किया है।

यह सफलता न केवल देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में अहम है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने में सीसीएल की अहम भूमिका को भी दर्शाती है। आम्रपाली-चंद्रगुप्ता, बरकासयाल, मगध-संघमित्र, पिपरवार, उत्तर कर्णपुरा, रजरप्पा और राजहरा परियोजनाओं ने इस उपलब्धि में मुख्य योगदान दिया।

पर्यावरण-संवेदनशील और टिकाऊ खनन की ओर कदम

सीसीएल पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग रहते हुए सतत विकास को बढ़ावा दे रही है। वर्ष 2024-25 में झारखंड के कई क्षेत्रों में व्यापक वृक्षारोपण किया गया। रजरप्पा क्षेत्र में मियावाकी तकनीक से सघन वनों का निर्माण एक अभिनव प्रयास रहा।

कंपनी ने इस वर्ष 287.9 लाख यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया, जिससे लगभग 20,153 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आई। पिपरवार (20 मेगावाट) और गिरिडीह (4 मेगावाट) में भूमि आधारित सौर परियोजनाएँ सफलतापूर्वक संचालित हो रही हैं, जबकि बरकासयाल और गिरिडीह में नई परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। सीसीएल ने 2029-30 तक नेट-जीरो विद्युत खपत का लक्ष्य रखा है।

कोल डिस्पैच में तकनीकी क्रांति

कोयले के डिस्पैच को पर्यावरण-अनुकूल और दक्ष बनाने हेतु सीसीएल ने अत्याधुनिक कोल हैंडलिंग प्लांट्स (CHP) की स्थापना शुरू की है। नॉर्थ उरीमारी सीएचपी पहले से संचालन में है जबकि कारो, कोनार और केबीपी पूर्णाडीह सीएचपी निर्माणाधीन हैं। ये सभी क्लोज्ड-लूप और पूरी तरह यंत्रीकृत प्रणालियाँ हैं, जो सड़क परिवहन पर निर्भरता घटाकर पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाती हैं।

जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा कदम

रांची के कांके में सीसीएल एक 200 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल स्थापित कर रही है, जो कार्डियोलॉजी, पल्मोनोलॉजी और न्यूरोलॉजी जैसी प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा। बाबासाहेब अंबेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान के साथ एमओयू भी किया गया है। कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने इस परियोजना का शिलान्यास किया।


सीएसआर के तहत सामाजिक समर्पण

सीसीएल की ‘सीसीएल के लाल’ और ‘सीसीएल की लाडली’ योजनाएं प्रतिभाशाली छात्रों को आईआईटी जैसी संस्थाओं की कोचिंग, आवास और भोजन प्रदान कर रही हैं। साथ ही JSSPS के माध्यम से खेल प्रतिभाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

चतरा और लातेहार में टीबी मरीजों को गोद लेकर ‘नि-क्षय मित्र’ योजना के तहत सहायता दी जा रही है। साथ ही 500 बच्चों की हृदय जांच एवं सर्जरी श्री सत्य साईं ट्रस्ट के सहयोग से की जा रही है।193 सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस और 1,251 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण जैसे कार्य सीसीएल के समावेशी विकास को प्रतिबिंबित करते हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए आजीविका योजनाओं के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों द्वारा कई परियोजनाएं सफलतापूर्वक चलाई जा रही हैं।

सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह का संदेश

सीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक निलेंदु कुमार सिंह ने कहा,

“सीसीएल देश की ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह उपलब्धि सरकार, श्रमिकों, ग्रामीणों और सभी हितधारकों के सहयोग से ही संभव हो पाई है। हमारा लक्ष्य न केवल उत्पादन है, बल्कि राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाना भी है।”

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